हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,आयतुल्लाह ग़रवी ने कहा,22 बहमन 2500 साल की शाही सत्ता के पतन का दिन है।
क़ुम हौज़ा इल्मिया के जामिया मुदर्रिसीन के सदस्य आयतुल्लाह ग़ुरवी ने कहा कि 22 बहमन ईरानी इस्लामी क्रांति की वर्षगांठ वह दिन है जब जनता ने 2500 साल पुरानी राजशाही को समाप्त किया।
उन्होंने बताया कि आमतौर पर ये शासक सिर्फ अपने व्यक्तिगत हितों के बारे में सोचते थे और न ही वे देश की राजनीतिक स्वतंत्रता और व्यवस्था की परवाह करते थे विदेशी ताकतें और दूतावास ही फैसले लिया करते थे जबकि ये शासक बस उनका अनुसरण करने को मजबूर होते थे।
उन्होंने आगे कहा कि सभी कठिनाइयों, उत्पीड़न और अन्याय के बावजूद ईरान की जनता ने इमाम खुमैनी रह. के नेतृत्व में इस महान क्रांति को सफल बनाया। आज हम देख रहे हैं कि इस्लामी गणराज्य एक निर्णायक और प्रभावशाली शक्ति बन चुका है।
उन्होंने कहा,आज दुनिया की महाशक्तियों के पास इस्लामी क्रांति और इस्लामी गणराज्य की सम्मानजनक और शक्तिशाली व्यवस्था को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि जनता आज भी पूरी दृढ़ता से इस क्रांति का समर्थन कर रही है हम आशा करते हैं कि यह क्रांति इमाम मेंहदी अ.ज.की वैश्विक क्रांति से जुड़ जाएगी और अंततः जनता इन कृत्रिम रूप से उत्पन्न की गई समस्याओं पर विजय प्राप्त करेगी।
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